Wednesday, December 26, 2012
Delhi Gangrape - Ladai Zari Rahe...
Delhi Gangrape - Ladai Zari Rahe...
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"इस तरह हुँकार दो कि आसमां भी काँप जाए
आवाम की आवाज़ सुन निजाम सारा थरथराये
हौसलों की आग़ से पिघला दो तख़्त -ओ -ताज को
ज़म्हूरियत के मायने नहीं लूट ले कोई लाज को
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