Friday, February 4, 2011
{ Poem } राज़
उकेर कर चित्र केनवास पे छोड़ गया
अजीब चित्रकार था बे-रंग छोड़ गया
सजा जो मुझको मिली नाकाफी ही रही
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GOOD-BYE SORROW
''Ibadaat Ki Hai "
MoHaBat Phir MohaBat Hai
TERE INTEZAR KA ALAM.....
No Matter What...I LOVE U !!!
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