Sunday, November 28, 2010
{ Poem } मैं हर खता हर बार,,, बार बार करता रहा..
मैं हर खता हर बार,,, बार बार करता रहा..
हर बात जो मैंने कहनी चाही, वो होठो से सी-ली मैंने...
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ख्वाब सा बोने लगा हूँ ...
THE DOOR....
*** D I L ***
KAAFILA...
Pyar
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