Friday, August 27, 2010
{ Poem } वो आज मुझे ज़र्रे से आफताब बना गया
वो आज मुझे ज़र्रे से आफताब बना गया
ये कौन आके हाथ मैं सपने थमा गया
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दीवारों से लड़ता हूँ
I Taught Myself To Live Simply by Anna Akhmatova
Walking Around by Pablo Neruda
वो आज मुझे ज़र्रे से आफताब बना गया
दिल के शहर में मेहमान तुम हो गए
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